Jal Sansadhan: Sanchayan Sanrakshan evm Pradhandhan 
                by Birendra Bahadur Singh
                
                    ISBN: 9789371709248 
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                    Imprint : Daya Publishing House 
                    Year :  2026 
                     Price :  Rs. 11950.00 
                    Biblio :  VIII+262p., figs., tbls., 25cm
                
                        Author Profile
डॉ- बीरेन्द्र बहादुर सिंह, (एम-एस-सी-, पी-एच-डी-, पी-जी-डी-ई-एम-, एफ-आई-एस-ई-पी-, एफ-एल-डब्ल्यू-एस-) डॉ- राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या से एम-एस-सी- (रसायन विज्ञान), दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर से पी-एच-डी-, पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन एनवायरनमेंटल मेंजेजमेंट (पी-जी-डी-ई-एम-), पर्यावरण प्रबंधन संस्थान (उ-प्र-) से किया है। डॉ- सिंह का आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या में उच्च शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत एम-एस-सी- (कृषि) तथा पी-एच-डी- के पठन-पाठन एवं शोध में अमूल्य योगदान रहा है। पूर्व में इन्हाेंने भा-कृ-अ-प- नई दिल्ली तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली से वित्तपोषित शोध परियोजनाओं में जल, मृदा, पेस्टीसाइड एवं नदी प्रदूषण पर सीनियर रिसर्च फेलो तथा रिसर्च एसोसिएट के रूप में शोध कार्य कर चुके हैं। डॉ- सिंह को इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर एनवायरनमेंटल प्रोटेक्शन द्वारा ‘युवा वैज्ञानिक पुरस्कार’, पर्यावरण एवं कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों हेतु अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा संगठन तथा लिविंग वर्ल्ड सोसाइटी द्वारा एफ-आई-एस-ई-पी- (थ्प्ैम्च्) तथा एफ-एल-डब्ल्यू-एस- (थ्स्ॅै) फेलोशिप प्रदान की गयी है। इन्हें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (उ-प्र-) से विज्ञान को आम जनमानस के पास पहुंचाने तथा जागरूक करने हेतु विशिष्ट रूप से पुरस्कृत किया गया है। इन्हें विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा उनके सराहनीय कार्यों हेतु पुरस्कृत/ सम्मानित किया जा चुका है। इनके नदी प्रदूषण, भारी धातु प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं स्वास्थ्य से सम्बंधित अनेकों शोधपत्र ख्यातिप्राप्त शोध पत्रिकाओं तथा 28 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों, कार्यशालाओं/ संगोष्ठियों में भाग लिया है तथा विभिन्न वैज्ञानिक समितियों के आजीवन सदस्य तथा शोध पत्रिकाओं के सम्पादक मंडल के सदस्य एवं रिव्यूअर भी है। वर्तमान में डॉ- सिंह उच्च शिक्षा से संबंधित पुस्तकों का लेखन एवं संपादन कर रहे हैं।
About The Book
प्रस्तुत पुस्तक फ्जल संसाधनः संचयन, संरक्षण एवं प्रबंधनय् मे एक परिचय, गहराता जल संकट, भारत की प्रमुख नदियांः प्रदूषण एवं रोकथाम, वर्षा जल संचयन एवं भू-जल रिचार्ज, कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण तकनीक, भू-जल का गिरता स्तरः कारण और निदान, जल संकट के समाधान हेतु जल संरक्षण अभियान, जल संरक्षण हेतु सरकारी प्रयास एवं कार्यरत संस्थाएं, कृषि में जल संरक्षण तकनीक तथा सरकारी योजनाएं, जल प्रदूषणः समस्यायें एवं समाधान, जल, प्रदूषण एवं मानव स्वास्थ्य, समुद्री (महासागरीय) प्रदूषण और  जल शुद्धिकरणः उपलब्ध आधुनिक तकनीक आदि की विस्तृत जानकारी दी गई है। इस पुस्तक के अंत में जल संसाधन तथा संरक्षण से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर तथा क्या करें ? क्या न करें ? जैसे नए आयामों को स्पष्ट एवं सरल हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया गया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रस्तुत पुस्तक छात्रें, शिक्षकों, विस्तार और अनुसंधान में कार्यरत वैज्ञानिकों, पर्यावरण विद्ो, ग्रामीण विकास एवं प्रसार कार्यकत्ताओं तथा  जल सरंक्षण से संबंधित अन्य सभी के लिए एक नवीन एवं अद्यतन पाठ्यसामग्री के साथ-साथ एक अनुपम कृति सिद्ध होगी।                        
Table of Contents
प्राक्कथन अ
1- भारत में जल संसाधनः एक परिचय 1
2- गहराता जल संकट 22
3- भारत की प्रमुख नदियांः प्रदूषण एवं रोकथाम 35
4- वर्षा जल संचयन एवं भू-जल रिचार्ज 74
5- कृत्रिम भू-जल पुनर्भरण तकनीक 92
6- भू-जल का गिरता स्तरः कारण और निदान 113
7- जल संकट के समाधान हेतु जल संरक्षण अभियान 121
8- जल संरक्षण हेतु सरकारी प्रयास एवं कार्यरत संस्थाएं 132
9- कृषि में जल संरक्षण तकनीक तथा सरकारी योजनाएं 151
10- जल प्रदूषणः समस्यायें एवं समाधान 170
11- जल, प्रदूषण एवं मानव स्वास्थ्य 181
12- समुद्री (महासागरीय) प्रदूषण 214
13- जल शुद्धिकरणः उपलब्ध आधुनिक तकनीक 222
तकनीकी शब्दावली 241
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नोत्तर 249
-क्या करें ? 255
-क्या न करें ? 257
संदर्भ सूची 258